रविवार, 21 अप्रैल 2019

QABARSTAN ME HAZRI KE AADAB


        QABARSTAN ME
       HAZRI KE AADAB

     जो कब्रस्तान में दाखिल हो कर ये कहे : अय अल्लाह ! अय गल जाने वाले जिस्मो और बोसीदा हड्डियों के रब ! जो दुन्या से ईमान की हालत में रुखसत हुए तू उन पर अपनी रहमत और मेरा सलाम पहोचा दे। तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम से ले कर इस वक़्त तक जितने मोमिन फौत हुए सब उस दुआ पढ़ने वाले के लिये दुआए मग्फिरत करेंगे।

     हुज़ूर ﷺ का फरमाने शफ़ाअत निशान है : जो शख्स कब्रस्तान में दाखिल हुवा फिर उस ने सूरतुल फातिहा, सूरतुल इखलास और सुरतुत्तकासुर पढ़ी फिर ये दुआ मांगी : या अल्लाह ! मेने जो कुछ कुरआन पढ़ा उसका षवाब इस कब्रस्तान के मोमिन मर्दों और मोमिन औरतो को पहोचा। तो वो तमाम मोमिन क़यामत के रोज़ उस इसाले षवाब करने वाले के सिफारिशी होंगे।
शरहु स्सुदुर् स.311

     हदीशे पाक में है : जो 11 बार सूरतुल इखलास पढ़ कर इसका षवाब मुर्दो को पहोचाए, तो मुर्दो की गिनती के बराबर उस इसाले षवाब करने वाले को षवाब मिलेगा।
दुर्रे मुख्तार, जी.3 स.183

     क़ब्र के ऊपर अगरबत्ती न जलाई जाए इस में बे अदबी और बद फाली है (और इस से मैयत को तकलीफ होती है), हा अगर हाज़रिन को खुशबु पोहचाने के लिये लगाना चाहे तो क़ब्र के पास खाली जगह हो वहा लगाए के खुशबु पहोचाना महबूब है।
*✍🏽मूलख्खसन फतावा रज़विय्या मुखर्रजा, जी.9 स.482,525*

     आला हज़रत अलैरहमा एक और जगह फरमाते है : सहीह मुस्लिम शरीफ में हज़रते अम्र बिन आस से मरवी, उन्हों ने दमे मर्ग (यानि वक़्ते वफ़ात) अपने फ़रज़न्द से फ़रमाया : जब में मर जाउ तो मेरे साथ न कोई नौहा करने वाली जाए न आग जाए।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, स.70 हदिष:192*

     क़ब्र पर चराग या मोमबत्ती वग़ैरा न रखे के ये आग है, और क़ब्र पर आग रखने से मैय्यत को तकलीफ होती है,
*✍🏽आक़ा का महीना, स.29*

     कई मज़ाराते औलिया पर देखा गया है के ज़ाऐरीन की सहूलत की खातिर मुसलमानो की क़ब्रे तोड़ फोड़ कर के फर्श बना दिया जाता है, ऐसे फर्श पर लेटना, चलना, खड़ा होना, तिलावत और ज़िकरो अज़कार के लिये बैठना वग़ैरा हराम है, दूर ही से फातिहा पढ़ लीजिये।

     ज़ियारते क़ब्र मय्यित के चेहरे के सामने खड़े हो कर, क़ब्र वाले की क़दमो की तरफ से जाए के उस की निगाह के सामने सिरहाने से न आए के उसे सर उठा कर देखना पड़े।
*✍🏽फतावा रज़विय्या मुखर्रजा, जी.9 स.532*

     कब्रस्तान में इस तरह खड़े हो के किब्ले की तरफ पीठ और क़ब्र वालो के चेहरों की तरफ मुह हो इस के बाद कहिये...
     ऐ क़ब्र वालो ! तुम पर सलाम हो, अल्लाह हमारी और तुम्हारी मग्फिरत फरमाए, तुम हम से पहले आ गए और हम तुम्हारे बाद आने वाले है।
फतावा आलमगिरी, जी.5 स.350*
आक़ा का महीना, स.28*

     नबीये करीम صلى الله عليه وسلم का फरमाने अज़ीम है : मेने तुम को ज़ियारते कूबर से मना किया था, अब तुम क़ब्रो की ज़ियारत करो के वो दुन्या में बे रगबति का सबब है और आख़िरत की याद दिलाती है।
सुनन इब्ने माजाह, जी.2 स.252 हदिष: 1571

     वलियुल्लाह के मज़ार शरीफ या किसी भी मुसलमान की क़ब्र की ज़ियारत को जाना चाहे तो मुस्तहब ये है के पहले अपने मकान पर गैर मकरूह वक़्त में 2 रकअत नफ्ल पढ़े, हर रकअत में सूरतुल फातिहा के बाद एक बार आयतुल कुरसी और 3 बार सूरए इखलास पढ़े और इस नमाज़ का षवाब साहिबे क़ब्र को पहोचाए, अल्लाह तआला उस फौत सुदा बन्दे की क़ब्र में नूर पैदा करेगा और इस षवाब पोहचाने वाले शख्स को बहुत ज़्यादा षवाब अता फरमाएगा।
फतवा आलमगिरी, जी.5 स.350

     मज़ार शरीफ या क़ब्र की ज़्यारत के लिये जाते हुए रस्ते में फ़ुज़ूल बातो में मशगूल न हो। कब्रस्तान में आप उस रस्ते से जाए, जहां माज़ी में कभी भी मुसलमानो की क़ब्रे न थी, जो रास्ता नया बना हुवा हो उस पर न चले, रद्दुल मुहतार में है कब्रस्तान में क़ब्रे पाट कर जो नया रास्ता निकाला गया हो उस पर चलना हराम है। बल्कि नऐ रस्ते का सिर्फ गुमान ग़ालिब हो तब भी उस पर चलना ना जाइज़ व गुनाह है।
दुर्रे मुख्तार, जी.3 स.183
आक़ा  का महीना, स.27

सिर दर्द एक आम समस्या है।लोग अक्सर सिर दर्द को ठीक करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं,

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🔸🔸  सिर दर्द  🔸🔸

➖सिर दर्द एक आम समस्या है।

➖लोग अक्सर सिर दर्द को ठीक करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं,

जिनके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

लेकिन इन पेनकिलर दवाओं के बजाय घर के बने कुछ नुस्खे इस्तेमाल कर आपको आराम ‌भी मिलेगा और इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा।

👇🏾👇🏾आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको सिरदर्द से बचने के घरेलू उपाय के बारे में बताते हैं।

🌔कई बार सिर में ऐसा दर्द होता है जो नाकाबिले बर्दाश्त हो जाता है।

🔸सिरदर्द कई कारणों से होता है,

जिनमें तनाव और थकान प्रमुख हैं।

हालांकि, कई बार गैस के कारण भी सिर में दर्द होता है।

जब पेट की गैस ऊपर चढती है और पास नहीं हो पाती है तो यह दिल और दिमाग पर असर करती है, जिसके कारण सिरदर्द होता है।

❣❣सिरदर्द से बचने के घरेलू उपचार

✔सिरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए।

सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए,

उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।

✔सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए।

लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।

✔पुष्कर फूल को चंदन की तरह घिसकर उसके लेप को माथे पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।

✔मुलहठी को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघने से सिरदर्द में राहत मिलती है।

✔गर्म मासाला चाय सिर के दर्द के लिए एक कारगर उपाय है। आप इस चाय में एक लौंग और तिलसी के कुछ पत्ते भी डाल सकते हैं। यह चाय नींद को भगा कर दिमाग को सचेत करती है। आप इसमें थोड़े से अदरक के साथ इलायची भी मिला सकते हैं। इससे आपका सिरदर्द तो गायब होगा ही साथ में आप तरोताज़ा भी महसूस करेगें।

✔सिरदर्द होने पर पीपल, सोंठ, मुलहठी, सौंफ, कूठ इन सबको लगभग 10-10 ग्राम लेकर पीसकर चूर्ण बना लीजिए।

उसके बाद इस चूर्ण में एक चम्मुच पानी मिलाकर गाढा लेप बना बना लीजिए।

इस लेप को माथे पर लगाइए। सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।

✔अधिक तनाव और दिन भर की भाद दौड़ की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।

इसे दूर करने के सिए किसी अच्‍छे हर्बल तेल से अपने सिर की मालिश करवाएं।

मालिश के पहले तेल का हल्‍का सा गर्म कर लें। तेल लगाते समय उंगलियों को सिर पर हल्के दबाव के साथ धीरे धीरे मालिश करें।

इससे न केवल सिरदर्द दूर होगा। बल्कि इस तरह की मसाज से बालों की जड़े भी मजबूत होती हैं और बाल अच्छी तरह से बढ़ते हैं।

🔵गोदन्ती भस्म व प्रवाल भस्म और छोटी इलायची के दाने। तीनों को पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए।

सुबह उठकर खाली पेट थोडा सा चूर्ण लेकर दही और पानी के साथ पीजिए। इससे सरदर्द की समस्या से निजात मिलेगी।

✔तौलिये को हल्के गर्म पानी में डालकर उस तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। इससे सिरदर्द में फायदा होगा।

✔अगर आपके सिरदर्द का कारण एक हैंग ओवर की वजह से है तो नींबू पानी हर्बल उपाचार आपके बडे काम आता है।अधिक गरमी  से शरीर में डीहाईड्रेशन यानी पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में जरुरी है कि आप ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पियें।

एक ग्‍लास हल्‍के गर्म पानी में नींबू निचोड कर उसमें थोडा सा नमक और चीनी मिला कर पियें। ऐसा करने से सिरदर्द कम खत्म हो जाता है।

✔अदरक पाउडर या सोंठ का एक चम्मच पाउडर लें, इसे थोड़े पानी में मिलाकर गर्म कर लें। ठंडा होने के
(हल्का कुनकुना रखें) इसे माथे पर लगाएं।

✔सिरदर्द कई बार अचानक शुरू होता है और अक्सर अपने आप ठीक भी हो जाता है। सिरदर्द में हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम किसी भी दवा से ज्यादा असरदायक होता है।

अगर इन नुस्खों को अपनाने के बावजूद भी सिरदर्द से राहत न मिले तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए
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चेहरे की झाईयों को दूर करने के घरेलू उपाय

🕹चेहरे की झाईयों को दूर करने के घरेलू उपाय

⛅झाईयां ज्यादातर बढती हुई उम्र के साथ ही चेहरे पर देखी जाती है

⛅झाईयां होने से एक पल में ही चेहरे की सारी सुंदरता गायब हो जाती है।

⛅झाईयां होने का मुख्य कारण मानसिक तनाव, ज्यादा दवा गोलियों का सेवन करना  और शरीर में विटामिन B, C, E , खून की कमी और पौषक तत्वों की कमी का होना होता है।

⛅झाईयों को दूर करने के लिए बाजार में अलग अलग ब्रांड की बहुत ही क्रीम आसानी से मिल जाती है पर आज हम आपसे झाईयों को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies For Melasma) शेयर करेंगें

🕹चेहरे की झाईयों को दूर करने के घरेलू उपाय

Best Home Remedies For Melasma

🌔थोड़े से कच्चे दूध में जायफल को घिसकर रात को झाईयों पर लगाकर सो जाएं और सुबह उठकर चेहरा गुनगुने पानी से धो लें, चेहरे की झाईयों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिल जाता है।

🌔चिरौंजी के 10-12 दानों को रात में थोड़े दूध में डालकर भिंगो दें। सुबह इन्हे पीसकर चेहरे पर लगाने से झाईयों से छुटकारा मिल जाता है।

🌔झाईयां से छुटकारा पाने के लिए 1 चम्मच अरहर की दाल का पाउडर, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और दही  को मिलाकर करीब 5-10 मिनट के लिए रोजाना चेहरे पर लगाये, इस फेस पैक को चेहरे पर लगाने से झाईयां धीरे धीरे खत्म हो जाती हैं।

🌔एक कच्चे आलू को छील कर पीस लें,  पिसे हुये आलू के पेस्ट में थोड़ा सा सिरका, ग्लिसरीन और खीरे ककडी का रस मिलाकर चेहरे पर लगाकर लगभग 15-20 मिनट तक लगाने के बाद गुनगुने पानी से धो दें, इससे चेहरे के सभी दाग-धब्बे और झाईयां दूर हो जाती हैं।

🌔बरगद के दूध को झाईयों पर रोजाना लगाने से चेहरे की झाईयां धीरे धीरे खत्म हो जाती हैं।

🌔चेहरे की झाईयां दूर करने के लिए पेट का साफ रहना बहुत जरूरी है, सुबह और शाम त्रिफला के चूर्ण की फंकी लेकर ऊपर से गुनगुना दूध पीएं, दिन में पानी खूब पीएं।

🌔एक चम्मच शहद, 3-4 बूंदे नींबू का रस, 2 चम्मच दही और 1 चम्मच टैल्कम पॉउडर को खूब अच्छी तरह फेंटकर लेप बना लें। अब इस बनाये हुये पेस्ट को चेहरे की झाईयों पर करीब 15-20 मिनट तक लगाने के बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें, चेहरे की झाईयां खत्म होकर चेहरे पर चमक आने लगती है।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

HUZOOR SALLALAHU ALAYHI WA SALLAM KA ZIKR AAE TO NAME PAAK SUNTE HI DUROOD SHARIF PADHNA KAISA?

📚. SAWAAL:*

*JAB HUZOOR SALLALAHU ALAYHI WA SALLAM KA ZIKR AAE TO NAME PAAK SUNTE HI DUROOD SHARIF PADHNA KAISA  ❓*

*💡Options Are*
     

*A.🔸 MUSTAHAB?*

*B.🔹 MAMNOON?*

*C.🔸 WAJIB?*

*D.🔹 NAHI PADHENGE TO KOI BAAT NAHI?*

*E.💠 THIK HAI?*

*F.⭕ WAJIB NAHI HAI?*

*G.🔸 KHAMOSH RAHE*

*H.🔹 INME SE KOI BHI NAHI..*


*✅JAWAB : OPTION C*

*✏✍ Reference👇*

👉🏻  *"JAB HUZOOR SALLALAHU ALAYHI WA SALLAM KA ZIKR AAE TO BA KAMAALE KHUSHUO KHUJOO'A WA INKISAAR BA ADAB SUNE AUR NAME PAAK SUNTE HI DUROOD SHARIF PADHNA WAJIB HAI "*
*(BAHARE SHARIAT JILD AWWAL SAFA 75)*

👉🏻 ALA HAZRAT IMAM AHMED RAZA KHAN ALAHI REHMA FATAWA RAZVIYYA ME IS MASALE KI TAFSIL BAYAN KARTE HUWE IRSHAD FARMATE HAI: *"NAME PAAK HUZOOR SALLALAHU ALAYHI WA SALLAM MUKHTALIF JALSO ME JITNI BAAR LE YA SUNE HAR BAAR DUROOD SHARIF PADHNA WAJIB HAI, AGAR NA PADHEGA GUNAHGAAR HOGA AUR SAKHT SAKHT WAEEDO ME GIRAFTAR, HAN IS ME IKHTILAF HAI KI AGAR EK HI JALSE ME CHAND BAAR NAME PAAK LIYA YA SUNA TO HAR BAAR WAJIB HAI YA  EK BAAR KAFI AUR HAR BAR MUSTAHAB HAI, BAHUT ULEMA KAULE AWWAL KI TARAF GAE, UN KE NAZDIK EK JALSE ME HAZAR BAR KALIMA SHARIF PADHE TO HAR BAAR DUROOD SHARIF BHI PADHTA JAE AGAR EK BAAR BHI CHHODA FUNAHGAAR HUWA."*

👉🏻 DIGER ULEMA NE BA NAZRE AASAANIYE UMMAT KAULE DUWUM IKHTIYAR KIYA UN KE NAZDIK EK JALSE ME EK BAAR DUROOD ADAE WAJIB KE LIYE KIFAYAT KAREGA, ZYADA KE TARK SE GUNAHGAAR NA HOGA MAGAR SAWABD AZEEM WA FAZLE JASEEM SE BE SHAK MEHROOM RAHA. BAHAR HAAL MUNASIB YEHI HAI KI HAR BAAR SALLALAHU ALAYHI WA SALLAM KEHTA JAE KI AISI CHIZ JIS KE KARNE ME BIL ITTIFAQ BADI BADI REHMATE BARKATE HAI AUR NA KARNE ME BILASHUBA BADE FAZL SE MEHROOMI AUR EK MAZHABE KAWI PAR GUNAH WA MA'SIYYAT, AAKIL KA KAAM NAHI KI ISE TARQ KARE.
*(FATAWA RAZVIYYA 6/222)*


QABARSTAN ME HAZRI KE AADAB

        QABARSTAN ME        HAZRI KE AADAB      जो कब्रस्तान में दाखिल हो कर ये कहे : अय अल्लाह ! अय गल जाने वाले जिस्मो और बोसीदा हड्डि...